Friday, 8 February 2013

फिर एक ग़ज़ल


    फिर एक ग़ज़ल 

फिर गाने लगा ग़ज़ले सड़कों पे
वो आवारा शायर पुरानी धुन में
बड़ी जद्दोजहद से एक दिन
महफ़िल तक छोड़ कर आया था जिसे

सौ दफे लड़ पड़ा था वो राह में मुझसे, याद है
कहता था रंग फीका है उन गीतों का
जो उस मकाँ से गुज़रते हुए कानो में गूंजा करते हैं
रूह कैद है वहां कवियों की उन सोने की चमकती दीवारों में
महक आती नहीं मुझे इबादत की डूबकर
उनके सुने-सुनाये नज्मो में कहीं
कोई दीवाना नहीं गाता वहां होश खोकर, अफ़सोस
कोई ग़ज़ल नहीं सुनाता खुद को भूलकर कभी
वहां भीड़ की वाह में मन की आह को छुपाते फिरते हैं
कव्वाल कलाम गाकर
गला भर उठता नहीं किसी का कभी
फिर भी वहां किसी राग की तासीर से
और ये बंदिशें सुरों की बोल वहां मैं निभाऊंगा कैसे
मेरे तो उठते हैं सुर ह्रदय से केवल अज़ान के फ़र्ज़ पर
सर झुकता है मेरा सिर्फ़ एक पीर के दर पे,
गीत निकलता है लबों से पीड़ के लिबास में,
या फिर खालिस किसी मर्ज़ पर
 
और सुनने वाले भी वहां, केवल चकाचौंध के मारे हैं
अदब-ओ-अदा में खोये हैं, आँखों के ग़ुलाम सारे हैं
कोई देखता नहीं ताबीज़ वहां किसी अंतरे में छुपी कभी
कोई पढता नहीं वो पंक्तियाँ वहां
जो शायर भूल जाता है लिखना
या कुछ उम्मीद रखता है रसिकों से उन अनछुए रागों
को महसूस करने की,
अफ़सोस, उनके दायरे में सिमटकर वो सूफी भी
छोड़कर अल्हड़पन खालिद सा नज़र आता है
मैं कहाँ समा सकूँगा उन पैमानों में
मुझे तो हर लफ्ज़ अपना, वाहिद सा नज़र आता है
और दरबान बैठा है वहां द्वार पर तुम्हारी ऊंची महफ़िल के
जो मुझे अँधा फ़कीर कहता है,
बोल तू क्यूँ इतना बेचैन है मेरा सुर सारे शहर को सुनाने को
इस महफ़िल में क्या तेरा कोई हमदर्द, कोई क़द्र-ए-आफरीन रहता है

फिर उस दिन मैं चुपचाप उस आवारा शायर को छोड़ वहीँ
झुकी नज़रों से शहर लौट आया
लोग कहते हैं- उसने मेरे नाम से उसी महफ़िल में इक गीत गाया था
अब सुना है वो फ़कीर कभी-कभी लोगों को
सड़कों पे गाता नज़र आता है
उससे नज़रें चुराता मैं चुपचाप किनारे से निकल जाता हूँ
उसके किसी सवाल का अफ़सोस मेरे पास कोई जवाब नहीं |
  



Glossary


जद्दोजहद - efforts

इबादत- devotion
कलाम- Song written in love of Allah
तासीर- deep impression
अज़ान- prayer
लिबास- cladding
खालिस- pure
ताबीज़- charm
अदब-ओ-अदा- mannerisms
अल्हड़पन- freedom
खालिद- scholar
वाहिद- peerless, unmatcheable
क़द्र-ए-आफरीन- beloved, whom you consider worth a billion praises
रसिक- music lover
पीड़ - pain
मर्ज़- disease
अंतरा- inner part of a song, soul

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